विवरण: घर लौटते समय मैंने अपनी सौतेली बहन को उसके प्रेमी के साथ समझौता करने वाली स्थिति में पाया। मेरी अतृप्त भूख से वाकिफ होकर, उसने मेरी प्रगति का बेसब्री से स्वागत किया। जैसे-जैसे रात बढ़ती गई, उसका निर्दोष चेहरा मेरे सार की एक उदार परत से सजी, हमारे साझा जुनून का वसीयतनामा बन गया।