विवरण: जब मैंने अपनी नई सौतेली माँ को आत्म-आनंद में लिप्त होने पर ठोकर मारी, तो मैं आकर्षण का विरोध नहीं कर सका। जल्दी ही, हमारी मुठभेड़ भावुक प्रेम-प्रसंग के एक गर्म सत्र में बदल गई। मैंने उसकी मिठास को खा लिया, हर इंच का स्वाद लेने से पहले वह उत्सुकता से पारस्परिक रूप से चरमोत्कर्ष पर पहुंच गई।