विवरण: मेरे छात्रावास का कमरा, जोश का एक अड्डा, मेरी पत्नी की कराहों से गूंजता है। मुझे उसे अनजाने में दर्द हो रहा है। घायल, फिर भी इच्छा से प्रेरित होकर, मैं धक्के लगाता हूं। हमारे घर का बना कॉलेज कामुकता सामने आती है, आनंद और दर्द का सम्मिश्रण करती है, क्योंकि वह बेसब्री से मेरे धक्कों से मिलती है।