विवरण: एक लम्बे दिन के बाद मैं नहाने के लिए अपनी बहन के कमरे में घुस गया.जैसे ही मेरे बदन पर पानी झर गया, मैं खुद को आनंदित करने की ललक को रोक नहीं पाया.अपनी कराहटों को रोक पाने में असमर्थ, मुझे उम्मीद थी कि मेरा परिवार घर नहीं लौटेगा.आत्मसुख के परमानंद ने आसन्न खतरे से बेखबर मुझे खा लिया.